सोमवार का है दिवस,
श्री शंकर का वार।
भक्तों कर लो वंदना,
मिलकर सह परिवार।।
भोले शंकर जी सदा,
राखो मेरी आन।
लघु श्रद्धा से आज हम,
पाएँ बहु वरदान।।
बना रहे प्रभु आपकी,
सेवा का अति भाव।
नीलकंठ देदो जरा,
प्रेम भरी तुम छाँव।।
करी कृपा जो आज है,
मिला आपका साथ।
थामे रहना अब सदा,
“गीता” का तुम हाथ।।
गीता देवी
औरैया उत्तर प्रदेश