लग रहा ये मंज़र भी गज़ब का ख़ूबसूरत है जो तू संग मेरे है

लग रहा ये मंज़र भी गज़ब का ख़ूबसूरत है जो तू संग मेरे है।शब्दों के जाल में कहीं उलझ ना जाएं,इसलिए आंखें कह रहीं सब कुछ,और शब्द हुए ख़ामोश हैं।ये लम्हा जो बीत रहा संग तुम्हारे है,बस यही तो बन रहा वजह सुकुन की हमारे है।।चलो तुम्हारे थोड़ा और क़रीब आते हैं,आँखों के रास्ते तुम्हारे…

लग रहा ये मंज़र भी गज़ब का ख़ूबसूरत है जो तू संग मेरे है।
शब्दों के जाल में कहीं उलझ ना जाएं,
इसलिए आंखें कह रहीं सब कुछ,
और शब्द हुए ख़ामोश हैं।
ये लम्हा जो बीत रहा संग तुम्हारे है,
बस यही तो बन रहा वजह सुकुन की हमारे है।।
चलो तुम्हारे थोड़ा और क़रीब आते हैं,
आँखों के रास्ते तुम्हारे दिल में उतरते हैं।
तुम्हारे आगोश में बैठकर तुम्हारी सांसों में अपने नाम की धड़कनें सुनते हैं।
तुम्हारे ख़ामोश होंठों में शब्दों के सुर सजाते हैं।
कंधे पर तेरे सर रखकर मखमली
चादर सा एहसास महसूस करते हैं।
चलो एक दूजे की चाहत में तिनका-तिनका पिघलते हैं,
और इस प्यार को एक ख़ूबसूरत अंज़ाम तक पहुंचाते हैं।।
Barkha

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