*मुक्तक*

*मुक्तक* छवि स्कंदमाता की , करूॅं कर जोड़ मैं विनती । सभी भक्तों के भावों को, यही माॅं ध्यान से सुनती । कृपालु हैं बड़ी माता , इन्हें नर देव सब ध्याता । धराती धीर है सबको , सभी का कष्ट है हरती ।। 🌷🌷🌷🌷🌷 चली जग की भ्रमण करने, करी सिंह की सवारी है…

*मुक्तक*

छवि स्कंदमाता की ,
करूॅं कर जोड़ मैं विनती ।
सभी भक्तों के भावों को,
यही माॅं ध्यान से सुनती ।
कृपालु हैं बड़ी माता ,
इन्हें नर देव सब ध्याता ।
धराती धीर है सबको ,
सभी का कष्ट है हरती ।।

🌷🌷🌷🌷🌷

चली जग की भ्रमण करने,
करी सिंह की सवारी है ।
बड़ी वरदायिनी माता ,
सभी को खूब प्यारी है ।।
अभय देती है माॅं सबको,
सुखी करती है माॅं जग को।
दया दीनो पे करती है,
सभी दुष्टों पे भारी है ।।

🌷🌷🌷🌷🌷

जो नर नारी इन्हें ध्याता ,
सदा खुशियाॅं है वह पाता।
चलो नवरात्रि में हम भी,
करें माता की जगराता।।
बड़ा ही शुभ समय आया,
है यह सौभाग्य संग लाया।
सभी भक्तों का है इनसे ,
माता और पुत्र का नाता ।।

*रचयिता*

*रामसाय श्रीवास”राम”किरारी बाराद्वार*
( *छग* )

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