मां तुम बहुत प्यारी थी,
मां तुम्हारी ममता प्यारी थी,
मां तुम्हारी रोक -टोक करना अच्छा लगता था,
मां उस वक्त हमारे साथ हमारी पत्नी नही थी।
मां तुम्हारा दर्द महसूस होता था
मां तुम्हारा दुःख दिखता था
मां उस वक्त हम बेटे तुम्हारे दिल थे,
जब पत्नी हमारे संग न थी।
मां कभी टुकड़ों को नही तरसी ,
कभी महलों की रानी हुआ करती थी,
हमारी दिल की धड़कन थी,
मां जब तुम सासु मां नहीं थी।
प्रतिभा जैन
टीकमगढ़ मध्यप्रदेश