माँ स्कंद माता
स्कंदमाता का आज पंचम रूप माता की करते सभी हैं।
वंदना देती सुख अपार ममता दे सबको करती
निहाल है।
जो कोई ध्याये सच्चे मन से सब संकट मिट जावे।
ममता की मूर्ति पूजा पाठ
सभी करते हैं।
मनसे जो भी पूजे सुख समृद्धि घर आवे पाप कटे
सारे हैं।
व्रती करते पूजा पाठ और
आराधना सब गाते हैं।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव गाते देव गाथा हैं।
लाल फूल अरु मेवा सभी तुझे चढ़ते हैं।
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया कोड़ियां को देत
है।
सबके अवगुण माफ करें
बुद्धि विवेक देत सद्गुण भरती है।
जय कारा हो रहा भवन में लगी भक्तों की भिड़ है।
बोलो सांचे दरवार की जय हो
पुष्पा निर्मल बेतिया बिहार