बिहार में कोरोना के भयावह तस्वीर के बीच अस्पतालों में अव्यवस्था ने भी जड़ पकड़ लिया है. खास कर निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीज और उनके तिमारदारों से लाखों की वसूली की जा रही है. जीवन रक्षक ऑक्सीजन के लिए अस्पताल प्रबंधन लाखों की राशि वसूलने से पीछे नहीं रह रहे हैं. आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए मानो आफत सी आ गई जहां कई अस्पतालों से शिकायत आने लगी है कि एक दिन में ही एक लाख तक खर्चे का बिल मरीजों के अटेंडेंट को थमाया जा रहा है. विदित हो कि कोविड_19 से संक्रमित गंभीर मरीजों को अस्पताल प्रबंधन कम से कम 7 दिनों के लिए आईसीयू में रखने की सलाह दे रहे हैं.
लगातार आ रही ऐसी शिकायतों को देखते हुए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपना कड़ा रूख अख्तियार किया है. विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलों के लिए श्रेणी तय की है. निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों की इलाज के लिए शुल्क भी तय कर दिया है. इसके लिए राज्य में जिलों की ग्रेडिंग की गई है. स्वास्थ्य विभाग ने पटना जिले को ए श्रेणी में रखा है, जबकि बीश्रेणी में भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, गया और पूर्णिया को शामिल किया गया है. इसके अलावा बाकी सभी जिले सीश्रेणी में शामिल हैं.सरकार के आदेश के मुताबिक ए_श्रेणी के जिलों में आइसोलेशन बेड के 10 हजार रुपए लिए जाएंगे. जबकि बिना वेंटिलेटर आईसीयू के 15 रुपए और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का 18 हजार रुपए चार्ज लिए जाएंगे. वहीं अलग से पीपीई के लिए दो हजार रुपए तय किए गए हैं.
इसी तरह बीश्रेणी के अस्पतालों में आइसोलेशन का आठ हजार रुपया, बिना वेंटिलेटर आईसीयू का 12 हजार और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का 14 हजार 400 रुपए शुल्क देना होगा. सीश्रेणी अस्पतालों में आइसोलेशन के लिए लोगों को छह हजार, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू का नौ हजार और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू का 10 हजार 800 रुपए देना होगा. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के डीएम को इस संबंध में पत्र लिखकर निर्देशों पर अमल करवाने का आदेश दिया है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को हाल में ऐसी कई शिकायतें मिल रही थीं कि निजी अस्पतालों में 3 से 4 लाख रुपए कोविड मरीजों से वसूला जा रहा है. इसके बाद ही सरकार ने अस्पतालों की फीस निर्धारित करने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि इस आदेश के बाद मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी. विभाग के मुताबिक ये दर एनएबीएच एक्रीडिएटेड अस्पतालों पर लागू होगा.