कुदरत पे निखार है, जागी ये बहार है
रवि किरणों संग सभी को हमारा नमस्कार है।
ईश्वर की अनुकम्पा से निहारो नजारों को
मिला नव जीवन सभी इस प्रकृति के जीवारो को ।
आत्मजा का सत्कार है वहाँ कीर्ति बढ़े अपार है
गुरु वन्दन करो सभी ग्रन्थों की यही गुहार है।
प्रिय परिजन साथ हो नेक व्यवहार हो
मित्र रिपु का निशदिन आदर हो सत्कार हो।
सत्यपूर्ण कर्म हो नित्य नेम भरपूर हो ।
मिले आशीषें सभी की ऐसी कर्म पतवार हो।
दिनकर को नमन कर,करे मंगल कामना
सुप्रभात सभी स्वीकारें हमारा यही हमारी भावना ।
शोभा सोनी