खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत सियादतपुर अगुवानी पंचायत के डुमरिया बुजुर्ग स्थित महावीर मंदिर के परिसर में साहित्य साधना संचार मंच के तत्वावधान में फाग मिलन के शुभ अवसर पर हास्य व्यंग कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों के कवियों और कवियित्रियों का आगमन हुआ था। जहां दूर दूर से आए कवियों और कवियित्रियों का भरपूर स्वागत आयोजक सह केंद्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार मिश्रा ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत वेदानंद मिश्र के द्वारा स्वागत भाषण के तत्पश्चात स्वरचित सरस्वती वंदना मंच के द्वारा एवं मंच का परिचय आदि के बाद होली के समा बांधने के साथ समय चल पड़ी।
जिसमें मंच के केंद्रीय अध्यक्ष अशोक मिश्रा की अध्यक्षता में संपन्नता के साथ यूं कहीं गई कि :- हैं फर्क नहीं- बात है मन साफ की, दूध बहा कर की बात मांग आई की। बुरा ना मानो होली है साफ है पर ना कर बुरा तब तो यह बात हैं।
जबकि मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश बलिया से चलकर आए बलराम सिंह ने अपने कविता के लाइनों के द्वारा कहीं कि :-
सवाल ही है इंकलाब यही नहीं फसल का ख्वाब।
यही निशा का अंत है बिहान का यही दिगंत किउट अब सवाल कर।।
जबकि मंच के केंद्रीय सचिव श्री ब्रजकिशोर सिंह (पटना) ने कहा कि:-
चटनियां हो राजा हमसे ना पिसाला।
चटनिया बिन हमरो रहलो न जाला।।
जबकि मीडिया प्रभारी टेकलाल महतों (रामगढ़) ने मंच संचालन करते हुए कहा कि
राजनीति में रोशन लाल,
सुहागिन में मांग लाल
लहू लाल मां का सपूत लाल
करता प्रतीक बलिदान लाल।
वही कवित्री प्रेरणा मिश्रा ने खुद से रचित कविता द्वारा बताई कि:-
क्रांति होगी तब से ही अब तुम इंकलाब अब बोलो भी, अपने जीवन के फैसले अब खुद करके तुम देखो भी, कंगन पायल को छोड़ दो अब कलम का श्रृंगार करो, कब तक यू घर में बैठोगी इस रूडी को अब छोड़ो भी, क्रांति होगी तुमसे ही अब तुम इंकलाब अब बोलो भी। बता दो यह सब को तुम की तुम्हारे भी अरमान है, यह धरती है तुम्हारी तुम्हारा भी आसमान है, चुप चाप सहते रहना इस आदत को अब छोड़ो भी, क्रांति होगी तुमसे ही अब तुम इंकलाब बोलो भी।
रसोई के लिए बनी हो तुम रोजगार तुम्हारे बस का ना, घर में ही रहना ठीक तेरा बाहर तेरा निकलना ना, कब तक यूं ऐसे सोचोगी इन भ्रांतियों को तोड़ो भी, क्रांति होगी तब से ही अब तुम इंकलाब अब बोलो भी।
वहीं कार्यक्रम में चार चांद लगाने हेतु संगीत प्रस्तुति हेतु स्थानीय गायक बालमुकुंद महंथ, रामकिंकर सिंह और युवा गायक गोपाल कुमार ने अपने प्रस्तुति से मौजूद दर्शकों को झुमने को मजबूर कर दिया। वहीं तबला वादक के रूप में रमेश भारद्वाज गायकों की सहयोग कर रहे थे। जबकि आयोजक मंडली में सतीश मिश्र, सुभाष मिश्र, सियाराम मिश्र, योगेंद्र कुमार आदि के साथ खासकर महंथ बालमुकुंद मिश्र को मूर्खादिराज, प्रमोद मिश्र को गड़बड़झाला पंडित एवं रमेश कुमार भारद्वाज को मुख में राम साथ में छुड़ी की उपाधि से सम्मानित किया गया।
मौके पर कवि टेकलाल महतों (झारखंड), राजु विश्वकर्मा (रामगढ़), व्रज किशोरी सिंह (पटना), अलख निरंजन चौधरी, सोनाक्षी स्वरा, प्रेरणा मिश्रा सहित आयोजक मंडल के रूप में अभिषेक मिश्रा, हरीश मिश्रा, नवनीत मिश्रा, सुमित कुमार, निखिल कुमार, प्रदुम्न कुमार, सुमित कुमार, गौरव कुमार, सोनू कुमार आदि सैकड़ों दर्शक मौजूद थे।