प्यारे बापू

प्यारे बापू सीधे – साधे और सच्चे थे। बापू प्यारे कितने अच्छे थे।। कोमल मन वाले बापू थे। बच्चों में बन जाते बच्चे थे।। कभी न बदले अपने इरादे थे। कभी न अंग्रेजों के सामने चुके थे।। मुश्किल सहन की सफर रखा जारी। बापू जी थे अहिं सा के पुजारी।। नाम था मोहन दास करमचंद…

प्यारे बापू

सीधे – साधे और सच्चे थे।
बापू प्यारे कितने अच्छे थे।।

कोमल मन वाले बापू थे।
बच्चों में बन जाते बच्चे थे।।

कभी न बदले अपने इरादे थे।
कभी न अंग्रेजों के सामने चुके थे।।

मुश्किल सहन की सफर रखा जारी।
बापू जी थे अहिं सा के
पुजारी।।

नाम था मोहन दास करमचंद गांधी।
सच में बापू थे आजादी की आंधी।।

वह भारत के सपूत महान थे।
जिनकी नजर में बराबर सब इंसान थे।।

सिख हिंदू हो चाहे मुस्लमान।
बापू सबका करते थे सम्मान।।

आजाद भारत हुआ अपना।
बापू का साकार हुआ था सपना।।

डा महताब अहमद आज़ाद
उत्तर प्रदेश

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