पायल में समन्वय-मंत्र

पायल की रुनझुन में, युग-मर्यादाके लिए मां सीता की स्वीकार्यता है. पायल की छम-छम में, कृष्ण-भक्तिभावयज्ञ की राधा-नाम चरितार्थता है. पायल के गतिमान संगीत में, नारीकी सेवा निष्ठा, स्नेह की साधना है,पायल की झंकार में, सहजीवन संगभोग वैराग्य मध्य अनासक्तिअर्चना है.पायल झूमते जेवर- पिटक में,धारकनारी मानस शोध करें,नव तकनीक. क्षेम,नेह,मैत्री हेतु कुटुंब बंधे हैं… पायल…

मीरा मिश्रा

पायल की रुनझुन में, युग-मर्यादा
के लिए मां सीता की स्वीकार्यता है.

पायल की छम-छम में, कृष्ण-भक्ति
भावयज्ञ की राधा-नाम चरितार्थता है.

पायल के गतिमान संगीत में, नारी
की सेवा निष्ठा, स्नेह की साधना है,
पायल की झंकार में, सहजीवन संग
भोग वैराग्य मध्य अनासक्तिअर्चना है
.
पायल झूमते जेवर- पिटक में,धारक
नारी मानस शोध करें,नव तकनीक.

क्षेम,नेह,मैत्री हेतु कुटुंब बंधे हैं… पायल में,नारी के सब रूप सजे हैं….

प्रणम्य हैं,पायल-स्पर्शित नारी चरण.
अर्पित सुमन,उन्हें,करें वे नवनिर्माण.

@ मीरा भारती,
पुणे, महाराष्ट्र

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