अच्छा सुनो तुम्हें जाना होतो जाओ।
हमें वापिस क़ब्र तक छोड़ जाओ।
झूठी जुबाँ झूठा प्यार भरोसे टीका
रिश्ता हम से मैं को अलग करतें जाओ।
जाते जाते एक काम करतें जाना
वफ़ाओं का तुम हिसाब करतें जाओ।
हमारा दिल हमें वापिस दे कर अपनी
मर्ज़ी से जहाँ जाना चाहों उधर जाओ।
तुम्हारी सूरत क़भी देख न पाए हमारी
नज़रे तुम हमसे उतने दूर चले जाओ।
नीक राजपूत
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