आँखों में चाँद तू लेकर चलती है।
लड़की है या तू कोई अप्सरा है।
क्या कहे तेरे नूर ए हुस्न के आगे
तो सितारों की ज़िंदगी भी थमी है।
रातों को करवटें बदलतें हुए देखा
हुआ मेरा बोलता तू एक ख़्वाब है।
ज़हर है ज़ाम है तू मेरी खुशियों की
चाबी है तू सुकूँन से भरा ख्याल है।
तेरी ये अदाएं देखकर अल्फ़ाज़
मेरे ये एकदम से निःशब्द जाते है।
बला क़हर आफ़त है तू मेरे लिए
ख़ुदा से माँगा हुआ आफ़ताब है।
मेरी जान है तू मेरा जहाँन है तू
तू ही मेरी ख्वाहिशों का दरिया है।
जिसे पढ़ते रहने को दिल चाहता
ऐसी उलझी हुई तू एक कहानी है।
नीक राजपूत
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