श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखण्ड अंतर्गत कन्हैयाचक गाँव निवासी राजेश चौधरी व भुतपर्व वार्ड प्रतिनिधि के पुत्र बीणा देवी के सुपुत्र गायक रुपेश चौधरी इन दिनों बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली आदि कई विभिन्न राज्यों में दे रहे हैं मधुर संगीत की तालीम। जिसके कारण दिन ब दिन गायक रूपेश चौधरी के चाहने वालों की संख्या में तीव्र गति से बढोत्तरी हो रही है। वहीं इन्हें इस गायिकी के क्षेत्र में पत्नी खुशबू चौधरी सहित इनके गांव वाले और ससुराल वालों द्वारा भी काफी सहयोग मिल रही हैं। वर्तमान समय में वो अधिकांशतः दिल्ली में हीं पत्नी खुशबू चौधरी के साथ रह रहें हैं। हालहीं में शादी की पहली सालगिरह पर अपने पत्नी के साथ एक तस्वीर साझा कर समस्त देशवासियों का आशीर्वाद प्राप्त किया था। जिसपर हजारों लोगों ने सोशल मीडिया पर इनको शुभकामनाएं भी दीं थीं। साथ ही साथ अमन राज, शिवम कश्यप, रिशव शांडिल्य, राजीव चौधरी, इंजीनियर राजा कुमार, केशव शांडिल्य, चार्ली आर्या, गौतम आनंद, मुकेश मिश्र, सत्यम कुमार आदि का भी भरपूर सहयोग मिल रही हैं।
बाल्यावस्था की उम्र में ही माता वीणा देवी की प्रेरणा से ही इनकी संगीत का दौर प्रारंभ हुई थी। जो अब तक बरकरार दिख रही हैं। इसके पश्चात पहले गुरु श्री राम किंकर सिंह के शरण में जाकर संगीत के सुरों की शिक्षा अर्जित किया था। फिर कुछ वर्षों के बाद हिन्दुस्तान में मशहूर शास्त्रीय संगीत ज्ञातव्य व सैकड़ों गायको के गुरु पंडित श्री रामोतार सिंह के शरण में आकर इन्होंने प्रारंभिक संगीत शिक्षा ज्ञान की प्राप्ति कर कई बड़े – बड़े संगीत मंचों पर शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति देकर लाखों संगीत प्रेमियों के दिलों में बस गये। फिर तीसरे गुरु व विश्व विख्यात गायक फनिभुषण चौधरी के साथ अपनी संगीत की बेहतर तालीम की शिक्षण व अनुभव प्राप्त किया। फिर थोड़े ही दिनों में गायक राजाराम सिंह की प्रेरणा से संगीत का प्रमाण पत्र हासिल कर गायक व संगीत गुरु राजीव सिंह (बेगुसराय) के शिक्षण के बदौलत वर्तमान समय में डिग्री हासिल कर पिजी की पढ़ाई कर मधुर संगीत का जलवा हिन्दुस्तान के कई हिस्सों में जाकर बिखेर रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के साथ ही साथ शहरी क्षेत्रों के दौर में अपने करीबी सहयोगी व बड़े भाई तुल्य गायक धीरजकांत सिंह के संरक्षण और सहयोग से गायक रूपेश चौधरी ग्रामीण गायक कलाकार के साथ ही साथ राज्यस्तरीय कलाकार बनने का सौभाग्य प्राप्त किया और वर्तमान में देश के कई राज्यों में जाकर संगीत के कई बड़े बड़े मंचों पर अपनी मधुर संगीत की धुन व सार बिखेरते नजर आ रहें हैं। साथ ही साथ कड़ी मेहनत व लगन के बदौलत दिल्ली जैसे महानगरों में “The 8th Note Music Academy” की स्थापना कर कई छोटे- छोटे बच्चों को संगीत की तालीम दे रहे हैं। साथ ही साथ आसपास कई अनाथ आश्रमों में जाकर भी लगातार नि:शुल्क संगीत की शिक्षा देकर अनाथों के दिलों में राज कर रहे हैं। गायक रूपेश चौधरी कहते हैं कि विश्व में मसहूर व सभी अनुभवी गायक हमारे गुरु समान है, भले ही मेरा पूजनीय गुरु राम किंकर सिंह, स्वर्गीय फनिभुषण चौधरी, स्वर्गीय रामोतार सिंह और राजीव सिंह, राजाराम सिंह हैं, लेकिन मैं अपने जीवन काल में सबसे बड़ा गुरु अपने माता पिता को मानता हूँ। अंततः हमसे अच्छे, अनुभवी व अपने आप को संगीत के बादशाह बताने वाले और नहीं बताने वाले सभी हमारे सम्मानीय है। मैं अपने सभी सिनयर गायकों का सदा सम्मान करता था, करता हूँ और करता रहुंगा। अंततः अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता, गुरु के साथ ही साथ खास कर दर्शकों को दिया।