कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों और मौतों से सबसे ज्यादा प्रभावित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और सचिवों के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शनिवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें महामारी की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित 46 जिलों के जिलाधिकारियों और पालिका आयुक्त भी शामिल हुए। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल भी बैठक में मौजूद रहे। राज्यों से प्रभावित जिलों में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने पर फोकस तरीके से काम करने को कहा गया।
राज्यों से महामारी को रोकने के नियमों का अनुपालन और टीकाकरण में तेजी सुनिश्चित करने को भी कहा
वर्तमान समय में महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बंगाल, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, पंजाब और बिहार में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं। समीक्षा बैठक में इन्हीं राज्यों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में यह सामने आया है कि इस महीने 46 जिलों में 71 फीसद नए मामले मिले हैं और 69 फीसद मौतें हुई हैं। इनमें से अकेले महाराष्ट्र में ही 36 जिले हैं, इनमें से 25 जिले बुरी तरह से प्रभावित हैं और इन्हीं जिलों में पिछले एक हफ्ते के दौरान देश में सामने आए कुल मामलों से 59 फीसद से ज्यादा केस मिले हैं। प्रभावित सभी जिलों के अधिकारियों से संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए फोकस तरीके से काम करने को कहा गया है।
देश में कोरोना रोधी वैक्सीन की कोई कमी नहीं
महामारी को प्रभावी तरीके से रोकने के लिए राज्यों को पांच सूत्रीय रणनीति पर काम करने की सलाह दी गई है। प्रभावित जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जारी नियमों का पालन कराने पर जोर दिया गया है, साथ ही टीकाकरण में भी तेजी लाने को कहा गया है। बैठक में केंद्रीय अधिकारियों की तरफ से राज्यों को यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया गया कि देश में कोरोना रोधी वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। सप्लाई चेन और भंडारण को लेकर भी कोई समस्या नहीं है। चेन्नई, मुंबई, कोलकाता और करनाल में वैक्सीन का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है। राज्यों टीकाकरण को लेकर एक से डेढ़ महीने पूर्व ही योजना तैयार कर लेने को कहा गया है, ताकि वैक्सीन की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचे। प्रभावित जिलों में वैक्सीन का पर्याप्त स्टाक रखने की सलाह दी गई है।