श्रवण आकाश, (खगड़िया) की कलम से
Chhath puja – लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व चैती छठ को लेकर समस्त बिहार सहित खगड़िया जिला जिले में आस्था और श्रद्धा की सरिता प्रवाहित होती दिखी। वहीं इस महा पर्व के तीसरे दिन श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ध्य अर्पित किया था और वहीं चौथे दिन उदयीमान सूर्य को भक्ति भाव के साथ अर्ध्य अर्पित कर आस्था और विश्वास के साथ पूजा अर्चना किया। इस मौके पर विश्व प्रसिद्ध उत्तरवाहिनी अगुआनी गंगा घाट एवं रुपौली शिव मंदिर के प्रांगण में वैकल्पिक घाट पर शाम के समय और सुबह के समय छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
जहां श्रद्धालुओं ने उदयीमान भगवान सूर्य देव की आराधना की और पुजा अर्चना के साथ कच्चा दूध और जल अर्पित किया। वहीं अगुआनी गंगा घाट पर छठ मैया के गीतों से माहौल भक्तिमय बना हुआ दिखा। समस्त छठव्रतियों ने अपने घरों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया। जिसमें समस्त छठव्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रख और शुक्रवार को सप्तमी तिथि चैती छठ को भी प्रातः कालीन बेला में छठ घाटों पर जोड़ शोर पर बच्चे बच्चियों ने छठी मईया की पूजा अर्चना कर महापर्व का समापन किया।
वहीं छठव्रती चंदन देवी ने कही कि छठ मैया की महिमा अपरंपार है। इस पर्व की पूजा अर्चना करने पर संतान की प्राप्ति और घर परिवार में सुख शांति का आगमन होता है। जिसको लेकर हम लोग पिछले 4 दिन से लगातार अपने घरों में साफ सफाई का विशेष ध्यान रख भक्ति भाव के साथ आस्था एवं विश्वास के साथ छठी मैया की पूजा अर्चना करते हैं। जिसको लेकर मैं अपनी परिवार ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के इलाकों के गरीब बेसहारा आदि के घरों में भी सुख शांति कायम रहने की भी छठी मैया से विनती किया।
वही अगुआनी गंगा नदी के छठ घाट पर मौजूद डुमरिया बुजुर्ग के श्रद्धालु सतीश मिश्रा ने बताया कि छठ पर्व में पिछले 4 दिनों से छठी मैया के नाम से धूमधाम से तैयारियां शुरू कर दिए जाते हैं। जो कि तीसरे दिन और चौथे दिन खासकर पूजा का महत्व ज्यादा रहती हैं। छठव्रतियों द्वारा निर्जला व्रत रखकर उपवास के रूप के रूप में छठी मैया की पूजा अर्चना करते हैं ।
वही तीसरे दिन संध्या कालीन बेला में अस्ताचलगामी सूर्य की पूजा कर और चौथे दिन उदयीमान सूर्य की पूजा अर्चना कर छठ पूजा का समापन करते हैं। ताकि हमारा परिवार हमारे क्षेत्र में सुख शांति बनी रहे। सभी घरों के लोग स्वस्थ और निरोग रहें। इस मौके पर कई दिनों से महिलाएं छठ गीतों का भी गायन प्रारंभ कर देती हैं और छठ घाट पर भी मुख्य रूप से महिलाएं छठ गीत गायक करती है।
वही इस मौके पर सियादतपुर अगुआनी पंचायत की मुखिया स्मृति कुमारी ने बताई कि आस्था का महापर्व छठ पर्व की महिमा अपरंपार है। छठ मैया की पूजा अर्चना करने को लेकर छठ व्रतियों और उनके समस्त परिवार के लोगों के बीच में खुशियां देखी गईं।
वही छठ घाटों पर गुरुवार संध्या कालीन और शुक्रवार प्रातः कालीन बेला में छठ व्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी सूर्य को और उदयीमान सूर्य को फलों से भरी सूप के सामने बच्चे – बच्चियों और परिवार के समस्त सदस्यों द्वारा कच्चा दूध और जलाभिषेक करते दिखे। इस महापर्व को लेकर छठ घाटों पर पूर्व से ही प्रशासन को सूचना देकर एस.डी.आर.एफ टीम को बुलाई गई थी। साथ ही साथ पुलिस (POLICE) प्रशासन की भी मुस्तैदी करवा दी गई थी। अर्थात छठ ( CHHATH) व्रतियों की समस्या ना होने को लेकर पूरी व्यवस्थाएं करा दी गई थी।
वहीं मौजूद छात्र नेता नवनीत मिश्रा ने बताया कि हमारे क्षेत्रों में भी चैती छठ पूजा का विशेष महत्व होता है। जिसको लेकर हर वर्ष छठ व्रतियों द्वारा चार दिवसीय छठ महापर्व आस्था और विश्वास के साथ धुमधाम से श्रद्धालु मनाते हैं। इस दिन महिलाएं अपनी संतान के निरोगिता एवं समृद्धि के लिए छठी मईया का पूजन करती हैं। यह व्रत करने से घरों में सुख समृद्धि, संतानों की उन्नति, आरोग्यता, धन-धान्य की वृद्धि होती हैं। इस बार कृतिका नक्षत्र एवं प्रीति योग में नहाय खाय के साथ चार दिवसीय चैती छठ महापर्व मनाया गया।