खगड़िया जिला के परबत्ता प्रखण्ड अंतर्गत सौढ़ दक्षिणी पंचायत के मथुरापुर वार्ड संख्या 13 निवासी स्वर्गीय हरिशंकर चौधरी उर्फ दास जी के 28 वर्षिय द्वितीय सुपुत्र दीपक कुमार ने प्यार मोहब्बत के बीच आर्थिक समस्या से मानसिक तनाव व प्रेमिका से आपसी अनबन के कारण किया खुदखुशी ।

मिली जानकारी के अनुसार युवक दीपक कुमार वर्षों से अपनी रोजी – रोटी के पुर्ति के लिए दिल्ली महानगर के मुनेरका में किराये के रूम लेकर प्राइवेट जाॅब सह छोटा मोटा बिजनेस करता था। लेकिन इक्तेफ़ाक से कुछ वर्ष पूर्व उसकी दोस्ती दिल्ली की हीं एक अजनबी लड़की पुजा से हो गई, जो धीरे – धीरे दोस्ती प्यार – मोहब्बत में बदल गया और यह प्यार रिश्तेदार के बीच तब्दील होने से पुर्व हीं चकनाचूर हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार युवक दीपक कुमार वर्षों से अपनी रोजी – रोटी के पुर्ति के लिए दिल्ली महानगर के मुनेरका में किराये के रूम लेकर प्राइवेट जाॅब सह छोटा मोटा बिजनेस करता था। लेकिन इक्तेफ़ाक से कुछ वर्ष पूर्व उसकी दोस्ती दिल्ली की हीं एक अजनबी लड़की पुजा से हो गई, जो धीरे – धीरे दोस्ती प्यार – मोहब्बत में बदल गया और यह प्यार रिश्तेदार के बीच तब्दील होने से पुर्व हीं चकनाचूर हो गया।
सुत्रों के अनुसार इस प्रेमी – प्रेमिका अर्थात दीपक और पुजा की आपकी मीटिंग तीन दिन पुर्व हुई थी, जहाँ मीटिंग के दौरान हीं किसी बात की आपसी खटपट के कारण प्रेमी दीपक ने अपनी कीमती लेपटॉप और मोबाइल चुर दिया था। तत्पश्चात युवक दीपक कुमार का अपने कमरे में प्यार मोहब्बत के अकेलेपन व प्रेमिका पुजा की अनुपस्थिति के कारण सह प्यार मोहब्बत के बीच आर्थिक समस्त के कारण मानसिक तनाव व डिप्रेशन के कारण खुदखुशी कर लिया। जिसमें रविवार प्रातः प्रेमी दीपक कुमार के करीबी दोस्त बंटी को कमरे पर पहुँचने के दौरान कमरा अंदर से बंद था, बाहर से लाख आवाज देने के बावजूद भी नहीं खुलने के बाद मकान मालिक को सुचना के तत्पश्चात कमरे को खोला गया, जिसमें प्रेमी दीपक कुमार मृत अवस्था में मिली। वहीं मकान मालिक के द्वारा मृतक लाश को दिल्ली पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस प्रेमी दीपक कुमार मृतक लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए दिल्ली एम्स अस्पताल भेज दिया गया। इधर पुरे मथुरापुर गाँव में इस खबर की सुचना से मृतक दीपक कुमार के परिवार सहित पुरे गाँव में मातम छाई हुई है। वहीं इनकी माता और परिवार वालों का रो – रोकर बुरा हाल है।