श्रवण आकाश, खगड़िया की कलम से

सरकारी आंगनबाड़ी केंद्र रहते हुए निजी जमीन पर केन्द्र संचालन कर वसुल रही किराया
खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड क्षेत्र के रामपुर उर्फ रहीमपुर पंचायत के वार्ड संख्या 10 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 83 में सेविका – सहायिका और दर्जनों ग्रामीण केंद्र संचलित स्थल को लेकर इन दिनों तनाव में हैं। जिसको लेकर दोनों पक्षों ने संबोधित अधिकारी सीडीपीओ कामिनी कुमारी द्वारा उक्त मामले में कुंभकर्णीय नींद में सोकर आजकल – आजकल कर टाल मटोल करना बताया। जबकि दोनों पक्षों द्वारा लिखित रुप से आवेदन सीडीपीओ कामिनी कुमारी के दफ्तर तक एक सप्ताह पहले हीं पहुंचा चुके हैं। इतना ही नहीं लगातार मोबाइल फोन के जरिए कई बार बातें की गई, जिसमें टालमटोल के अलावा कोई भी कार्रवाई अब तक नहीं की गई हैं । गौरतलब है कि बिहार सरकार के द्वारा बनी बनाई केंद्र और सामुदायिक भवन को छोड़ निजी जमीन पर केन्द्र संचालन कर संबंधित पदाधिकारी से सांठ – गांठ बना किराया भी अब तक वसुल रहें हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों ने काफी आक्रोश देखने को मिली।


वहीं मौजूद सरोज कुमार दास, अमित कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका अहिल्या देवी और सहायिका उषा कुमारी के द्वारा निर्धारित स्थल को छोड़ मनमानी तरीके से अपने अनुसार खंडहरनुमा मकान संतोष दास के दरवाजे पर संचालित करने को लेकर उग्र दर्जनों ग्रामीण अपनी नाराजगी व विरोध जता बाल विकास परियोजना अधिकारी परबत्ता को बीते 27 अप्रैल को ही आवेदन पत्र भेज केंद्र संचालित स्थल में स्थानांतरण की मांग किया था। जिसके कारण चिलचिलाती धूप में नन्हा बच्चा रोग ग्रस्त हो रहे हैं। साथ ही साथ बच्चों की उपस्थिति पंजी अनुसार बच्चे की बैठने हेतु पर्याप्त जगह भी नहीं है। इतना ही नहीं एमडीएम वितरण और बच्चों की पोषाहार में भी अनियमितता बरती जाती हैं। अंततः इसी बावत संबंधित अधिकारी सीडीपीओ कामिनी कुमारी को लगातार मोबाइल फोन के जरिए संपर्क किया गया, जिसपर सिर्फ और सिर्फ आजकल – आजकल के अलावा कुछ भी जबाव नहीं मिलती हैं। जबकि जरुरत लायक आंगनबाड़ी केंद्र निर्माण कार्य भी हों चुकी हैं और एक सामुदायिक भवन भी आवश्यकता से अधिक खाली पड़ी हुई हैं। जहां संचालन पर ग्रामीणों द्वारा सेविका और सहायिका को बारंबार सहमति भी मिल चुकी है।


वहीं इधर सेविका अहिल्या देवी ने भी प्रखंड बाल विकास परियोजना अधिकारी को आवेदन देकर बताया कि कुछ गिने चुने लोग ब्यक्तिगत दुश्मनी को लेकर केंद्र हटाने को लेकर विवाद कर रहे हैं और जो आधी अधुरी आईसीडीएस बना हुआ है वह आधी अधुरी निर्माण हुई है ना खिड़की ना हवादार कमरे और ना ही बिजली, इतना ही नहीं वहां असमाजिक तत्वों और जुआड़ियों का भी जमावड़ा हर समय लगा रहता है। जहां केन्द्र संचालन असंभव है। इसी कारण मैं संतोष दास के दरवाजे पर तत्काल केंद्र संचालित कर रही हुं।


वहीं इस मामले पर आईसीडीएस विभाग एडीपीओ सुनीता कुमारी ने बताया कि वे इस संदर्भ में सीडीपीओ परबत्ता को अतिशीघ्र निर्देश देंगे, कि वे 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट समर्पित करें ।यदि सरकारी भवन बना हुआ हैं और बेफिजूल की सरकारी कोष से किराया निकासी हों रहीं हैं, तो निजी जगहों पर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन बिल्कुल भी नहीं होगा। इसपर अविलंब जांच कर निजी खंडहरनुमा मकान में रोक उसे हर हाल में सरकारी भवन में शिफ्ट कराया जाएगा। अंततः सीडीपीओ कामिनी कुमारी ने बताई कि मैं अपनी निजी कार्यों और संबंधित पदाधिकारी के द्वारा मिली दिए गए कार्यों को हीं पुर्ण रूपेण संपादित करने में और लगातार मिटिंग में शामिल होने पर इन दिनों काफी ब्यस्त और भागदौड़ के कारण उस मामले में समय देने में असमर्थ हुं। फिर भी बहुत जल्द इस पर जांच कर उचित कदम उठाई जाएगी।