मां मम्मा , अम्मी अम्मा l
अलग-अलग हैं मां के नाम ll
पर सबका है एक ही काम l
मां ममता का सागर है ll
सागर में ही गागर है l
करता रोज़ माँ को प्रणाम ll
दूध पिलाती खेल खिलाती l
प्यार से है गले लगाती ll
उंगलि पकड़ चलना सिखलाती l
पापा भाई-बहन सिखाती ll
दादा दादी नाना नानी l
कि बात बताती ll
अम्मा करती सारे काम l
सुबह से उठकर शाम और रात l
धूप हो या बरसात हो l
सर्दी हो या गर्मी हो ll
अम्मा हमेशा प्यार जताती l
बच्चों को है गले लगाती ll
अतिवीर जैन पराग, मेरठ