अधूरी ख्वाहिशें

अधूरी ख्वाहिशें में पूरी कर लूँ।ज़िंदगी तुझे में जी भर कर जी लूँ। बिस्तर पर तो हर रात गुज़ारी हैआज क़ब्र कि भी तारीफ़ कर लूँ। इंसानो से तो दोस्ती कर ली आजताबूत से भी थोड़ा रिश्ता बना लूँ। शरीर को आराम दे कर मौत क्याहोतीं है उनकी भी में ख़बर ले लूँ। थोड़ा मुझमें…

नीक राजपूत

अधूरी ख्वाहिशें में पूरी कर लूँ।
ज़िंदगी तुझे में जी भर कर जी लूँ।

बिस्तर पर तो हर रात गुज़ारी है
आज क़ब्र कि भी तारीफ़ कर लूँ।

इंसानो से तो दोस्ती कर ली आज
ताबूत से भी थोड़ा रिश्ता बना लूँ।

शरीर को आराम दे कर मौत क्या
होतीं है उनकी भी में ख़बर ले लूँ।

थोड़ा मुझमें मैं को रखकर आँसू
बहाँ कर अपना मन हल्का कर लूँ।

पीछे मुड़कर ज़िंदगी आवाज़ दे दू
अलविदा कहने कि तैयारी कर लूं।

   नीक राजपूत 

+919898693535

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